भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस: इतिहास, स्थापना और योगदान | Indian National Congress History

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का इतिहास, स्थापना वर्ष, महत्वपूर्ण नेता और भारत की राजनीति में इसका योगदान।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है, जिसने देश की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पार्टी 1885 में स्थापित हुई थी और 1947 में भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने तक कई आंदोलन और संघर्षों का नेतृत्व किया। स्वतंत्रता के बाद भी यह पार्टी कई दशकों तक भारतीय राजनीति पर हावी रही। इस लेख में कांग्रेस पार्टी की स्थापना, उद्देश्यों, आंदोलनों, नेताओं, उपलब्धियों, विफलताओं, और वर्तमान स्थिति की विस्तृत जानकारी दी गई है।


How and Why Was the Congress Party Formed?

कांग्रेस की स्थापना के पीछे कारण (Reasons Behind the Formation of Congress)

19वीं सदी में ब्रिटिश सरकार भारत में एक प्रत्यक्ष शासन चला रही थी। भारतीयों को प्रशासन में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं था, और ब्रिटिश नीतियाँ पूरी तरह से भारतीयों के हितों के खिलाफ थीं।

इसके प्रमुख कारण थे:

  • ब्रिटिश सरकार भारतीयों को प्रशासन में जगह नहीं दे रही थी।
  • भारतीयों के साथ भेदभाव किया जाता था।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर किया जा रहा था।
  • भारतीयों को अपने अधिकारों के लिए एक संगठित मंच की आवश्यकता थी।

कांग्रेस की स्थापना कैसे हुई? (How Was the Congress Party Formed?)

  • 28 दिसंबर 1885 को ब्रिटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम (Allan Octavian Hume) ने भारतीय नेताओं के साथ मिलकर बॉम्बे (मुंबई) में कांग्रेस पार्टी की स्थापना की।
  • यह एक राजनीतिक संगठन था, जिसका उद्देश्य भारतीयों को संगठित करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना था।
  • पहली बैठक गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय, बॉम्बे में हुई थी।

Who Was the First President of Congress?

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अध्यक्ष वोमेश चंद्र बनर्जी (Womesh Chunder Bonnerjee) थे।
  • पहली बैठक में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • यह संगठन शुरू में केवल चर्चा और संवाद के लिए बना था, लेकिन धीरे-धीरे यह एक स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख संगठन बन गया।

Key Leaders of the Indian National Congress

कांग्रेस के इतिहास में कई प्रमुख नेता हुए हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:

  1. बाल गंगाधर तिलक – “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” का नारा दिया।
  2. महात्मा गांधी – सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया।
  3. जवाहरलाल नेहरू – स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल – भारत के एकीकरण में अहम भूमिका निभाई।
  5. सुभाष चंद्र बोस – आज़ाद हिंद फौज का गठन किया और “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” का नारा दिया।
  6. राजेंद्र प्रसाद – स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति बने।
  7. इंदिरा गांधी – भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री।
  8. राजीव गांधी – आधुनिक भारत में संचार क्रांति लाने में महत्वपूर्ण योगदान।

Major Movements Led by Congress

(i) बंगाल विभाजन के खिलाफ आंदोलन (1905)

  • लॉर्ड कर्ज़न ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया।
  • आंदोलन के तहत स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया गया।

(ii) होम रूल मूवमेंट (1916-1918)

  • बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट ने स्वशासन की माँग उठाई।
  • इससे भारतीय राजनीति में जागरूकता बढ़ी।

(iii) जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) और असहयोग आंदोलन (1920)

  • 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश सरकार ने निहत्थे भारतीयों पर गोली चलाई, जिससे पूरा देश आक्रोशित हो गया।
  • महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की, जिसमें ब्रिटिश वस्तुओं और सरकारी संस्थाओं का बहिष्कार किया गया।

(iv) सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और दांडी यात्रा

  • गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को नमक कानून तोड़ने के लिए दांडी यात्रा निकाली।
  • इस आंदोलन से ब्रिटिश शासन के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ी।

(v) भारत छोड़ो आंदोलन (1942)

  • 9 अगस्त 1942 को गांधी जी ने “अंग्रेजों भारत छोड़ो” का नारा दिया।
  • इस आंदोलन से भारत को स्वतंत्रता मिलने का रास्ता साफ हुआ।

(vi) भारत की स्वतंत्रता (1947)

  • कांग्रेस के नेतृत्व में भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली।
  • जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।

Contribution of Congress After Independence

  1. संविधान निर्माण (1947-1950) – कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में भारतीय संविधान तैयार हुआ।
  2. हरित क्रांति (1960-1970) – इंदिरा गांधी के कार्यकाल में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाया गया।
  3. बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969) – इंदिरा गांधी ने बैंकों को राष्ट्रीयकृत कर गरीबों को वित्तीय सेवाएँ उपलब्ध कराईं।
  4. भारत का औद्योगिकीकरण – कांग्रेस सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों को बढ़ावा दिया।
  5. वैज्ञानिक विकास – इसरो और परमाणु शक्ति परियोजनाओं की शुरुआत हुई।
  6. आईटी क्रांति (1980-1990) – राजीव गांधी के कार्यकाल में भारत में कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी का विस्तार हुआ।

Current Status of the Congress Party

  • 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा।
  • 2024 में पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में पुनः अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
  • कुछ राज्यों में कांग्रेस अभी भी मजबूत है, जैसे कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, और कर्नाटक।
  • पार्टी को आंतरिक गुटबाजी और नेतृत्व संकट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

Achievements and Criticisms of Congress

📌 उपलब्धियाँ (Achievements):
✅ स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका।
✅ संविधान निर्माण और लोकतंत्र की स्थापना।
✅ वैज्ञानिक और औद्योगिक विकास।
✅ हरित क्रांति और आईटी क्रांति।

📌 आलोचनाएँ (Criticisms):
❌ भ्रष्टाचार के आरोप।
❌ आंतरिक गुटबाजी और कमजोर नेतृत्व।
❌ 2014 और 2019 में खराब प्रदर्शन।

विश्व में कांग्रेस पार्टी का महत्व (Significance of the Congress Party in the World)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) न केवल भारत की सबसे पुरानी और प्रभावशाली राजनीतिक पार्टी रही है, बल्कि इसका वैश्विक महत्व भी काफी गहरा है। कांग्रेस पार्टी ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और स्वतंत्रता के बाद भी इसका वैश्विक स्तर पर प्रभाव बना रहा। इस लेख में हम जानेंगे कि कांग्रेस पार्टी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या महत्व है, यह किन वैश्विक घटनाओं से जुड़ी रही है और विश्व राजनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है।


Indian Freedom Struggle and Global Influence

  • कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया।
  • अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग जूनियर और दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला ने गांधीजी के सिद्धांतों को अपनाया।
  • भारत की स्वतंत्रता से प्रेरित होकर एशिया और अफ्रीका के कई देशों ने उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष किया।
  • भारत का स्वतंत्रता संग्राम पूरी दुनिया में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की जीत का प्रतीक बना।

Role in the Non-Aligned Movement (NAM)

  • 1950 और 1960 के दशक में शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और सोवियत संघ के दो ध्रुवीय विश्व में भारत ने गुटनिरपेक्ष नीति अपनाई।
  • जवाहरलाल नेहरू, मिस्र के गमाल अब्देल नासिर और यूगोस्लाविया के जोसीप ब्रोज़ टीटो के साथ मिलकर 1961 में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की स्थापना की।
  • इस आंदोलन का उद्देश्य था कि विकासशील देश किसी भी सैन्य गुट (अमेरिका या सोवियत संघ) का हिस्सा न बनें और स्वतंत्र विदेश नीति अपनाएँ।
  • यह नीति आज भी भारत की कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

Role in the United Nations

  • भारत संयुक्त राष्ट्र (UN) का संस्थापक सदस्य रहा है, और कांग्रेस सरकार के तहत शांति और विकास में योगदान दिया।
  • कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में भारत ने शांति मिशनों (Peacekeeping Missions) में अपनी सेनाएँ भेजीं।
  • 1990 के दशक में कांग्रेस के शासन के दौरान भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) और व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) का विरोध किया, क्योंकि ये भारत के हितों के खिलाफ थीं।
  • कांग्रेस के नेतृत्व में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता की माँग को आगे बढ़ाया।

India’s Economy and Global Impact

  • 1991 में कांग्रेस सरकार (पी. वी. नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह) के कार्यकाल में भारत में आर्थिक उदारीकरण (Liberalization) की शुरुआत हुई।
  • वैश्विक बाजार के लिए भारत को खोला गया और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को निवेश करने का मौका मिला।
  • इसके बाद भारत सूचना प्रौद्योगिकी (IT), स्टार्टअप्स, और डिजिटल अर्थव्यवस्था में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो गया।
  • आज भारत दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, जिसका श्रेय 1991 में उठाए गए सुधारों को जाता है।

India’s Foreign Policy and International Diplomacy

  • कांग्रेस के शासनकाल में भारत ने अफ्रीकी, एशियाई, और लैटिन अमेरिकी देशों के साथ मजबूत संबंध बनाए।
  • ब्रिक्स (BRICS), गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM), और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में भारत की भूमिका मजबूत हुई।
  • अमेरिका, रूस, यूरोप, और मध्य एशिया के साथ व्यापार और सामरिक संबंध विकसित किए गए।
  • भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (2008) कांग्रेस शासन में हुआ, जिससे भारत को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में बढ़त मिली।

Global Influence of Gandhian Philosophy

  • महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों ने पूरी दुनिया में कई आंदोलनों को प्रेरित किया।
  • मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला, और तिब्बत के दलाई लामा जैसे नेताओं ने गांधीवादी विचारों को अपनाया।
  • संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी गांधी जी के विचारों को सम्मानित किया और 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) घोषित किया।

Congress Leaders on Global Platforms

  • जवाहरलाल नेहरू – 1950 के दशक में वैश्विक शांति और पंचशील सिद्धांतों को आगे बढ़ाया।
  • इंदिरा गांधी – 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की निर्णायक भूमिका।
  • राजीव गांधी – 1980 के दशक में तकनीकी विकास और विदेश नीति को मजबूत किया।
  • मनमोहन सिंह – 2004-2014 में भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया और वैश्विक मंचों पर भारत को मजबूत किया।

Criticisms of Congress on a Global Level

  • आर्थिक नीतियों में देरी – 1980 तक भारत ने वैश्विक आर्थिक सुधारों को धीमी गति से अपनाया।
  • चीन नीति में गलतियाँ – 1962 के युद्ध में भारत को नुकसान हुआ, जिसे कांग्रेस की विदेश नीति की विफलता माना गया।
  • भ्रष्टाचार के आरोप – 2010 के दशक में कई घोटालों (2G, कॉमनवेल्थ गेम्स, कोल स्कैम) के कारण वैश्विक छवि को नुकसान पहुँचा।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक राजनीतिक पार्टी है। इसने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आधुनिक भारत के निर्माण तक कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। हालाँकि, वर्तमान में इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन यह अब भी भारत की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी बनी हुई है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस न केवल भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण रही है, बल्कि इसने वैश्विक स्तर पर भी गहरी छाप छोड़ी है।

  • भारत की स्वतंत्रता संग्राम में इसके योगदान ने दुनिया को लोकतंत्र और मानवाधिकारों का संदेश दिया।
  • गुटनिरपेक्ष आंदोलन और संयुक्त राष्ट्र में इसकी भूमिका ने भारत को एक स्वतंत्र और प्रभावशाली देश बनाया।
  • आर्थिक सुधारों और वैश्विक कूटनीति के माध्यम से कांग्रेस शासन ने भारत को एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया।
  • हालाँकि, पार्टी को कुछ विफलताओं और आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है, लेकिन इसका वैश्विक महत्व अब भी बना हुआ है।

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